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Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry

Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry इश्क़ गर इनायत है उस खुदा की तो कैसे मैं खतावार हुई सिर्फ़ आप ही की ही मुजरिम हूँ जहाँ की मैं कैसे गुनहगार हुई बेकसी का अब ये आलम है वही ख़ता हमसे बार बार हुई उस सिलसिले को कैसे ग़लत कह दूँ जिसको दोहराने की रूह तलबगार हुई ज़िंदगी आप ही की अमानत है चाहे इस पार या उस पार हुई ज़माना उस मंज़र पे रशक खाएगा मुलाक़ात जो किसी सूरत ए हाल हुई आप हाकिम है आप है हुक्मरान दे दे सज़ा गर में खतावार हुई ।। ~ Kosain Gour

Hindi Poem for Girlfriend - इस बार आओ तो मिलकर जाना

Hindi Poem for Girlfriend - इस बार आओ तो मिलकर जाना 

Hindi Poem for Girlfriend - इस बार आओ तो मिलकर जाना
Hindi Poem for Girlfriend - इस बार आओ तो मिलकर जाना 

हर रात जब गले से शराब उतरती है

तो आती हो जहन में तुम मेरे , 

पर मेरे सारे अनगिनत सवालों के साथ

उतार लेता हूं तुम्हे भी अपने अंदर  ।

   

इन सिगरेट के धुओ के उस पार

 जब धुंधली सी दिखाई देती हो तुम ,

तो मांग लेता हूं कुछ जवाब तुमसे 

शायद पहुंच जाए आवाज तुम तक ।


सुनो , इस बार आओ तो मिलकर जाना 

कुछ सवालों के जवाब देकर जाना ,

जिंदगी सुलझानी है मुझे अपनी 

इन अनसुलझे सवालों के उस पार । 

                                

~ Abhishek Singh

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