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Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry

Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry इश्क़ गर इनायत है उस खुदा की तो कैसे मैं खतावार हुई सिर्फ़ आप ही की ही मुजरिम हूँ जहाँ की मैं कैसे गुनहगार हुई बेकसी का अब ये आलम है वही ख़ता हमसे बार बार हुई उस सिलसिले को कैसे ग़लत कह दूँ जिसको दोहराने की रूह तलबगार हुई ज़िंदगी आप ही की अमानत है चाहे इस पार या उस पार हुई ज़माना उस मंज़र पे रशक खाएगा मुलाक़ात जो किसी सूरत ए हाल हुई आप हाकिम है आप है हुक्मरान दे दे सज़ा गर में खतावार हुई ।। ~ Kosain Gour

About me

 About me

 

INTRODUCTION परिचय 

 नमस्कार दोस्तो ,

मेरा नाम प्रीति मिश्रा है । मैं वाराणसी की रहने वाली हूं । बचपन से ही मुझे कविताएं लिखने का शौक था और इसी शौक के करण मैंने कई कविताएं लिख डाली । 

FAMILY परिवार 

मेरे पिता नौकरी में है और मेरी माता गृहणी  है। मेरी एक बहन और मेरा एक भाई है

EDUCATION   शिक्षा 

मेरी शुरुआत शिक्षा गांव से शुरू हुई ।
उसके बाद मैने शहर आकर अंग्रेजी माध्यमिक स्कूल से बरहवीं पास की और फिर सरकारी कॉलेज से अपना स्नातक  पास किया । 

VISSION

यह वेबसाइट  Poetrycock - Hindi Poetry Blog बनाने का मेरा इतना सा उद्देश्य है की ये कविताएं बाकी लोग भी पढ़े और उसका आनंद लें। 

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