Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry
Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry
Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry |
इश्क़ गर इनायत है उस खुदा की
तो कैसे मैं खतावार हुई
सिर्फ़ आप ही की ही मुजरिम हूँ
जहाँ की मैं कैसे गुनहगार हुई
बेकसी का अब ये आलम है
वही ख़ता हमसे बार बार हुई
उस सिलसिले को कैसे ग़लत कह दूँ
जिसको दोहराने की रूह तलबगार हुई
ज़िंदगी आप ही की अमानत है
चाहे इस पार या उस पार हुई
ज़माना उस मंज़र पे रशक खाएगा
मुलाक़ात जो किसी सूरत ए हाल हुई
आप हाकिम है आप है हुक्मरान
दे दे सज़ा गर में खतावार हुई ।।
~ Kosain Gour
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