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Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry

Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry इश्क़ गर इनायत है उस खुदा की तो कैसे मैं खतावार हुई सिर्फ़ आप ही की ही मुजरिम हूँ जहाँ की मैं कैसे गुनहगार हुई बेकसी का अब ये आलम है वही ख़ता हमसे बार बार हुई उस सिलसिले को कैसे ग़लत कह दूँ जिसको दोहराने की रूह तलबगार हुई ज़िंदगी आप ही की अमानत है चाहे इस पार या उस पार हुई ज़माना उस मंज़र पे रशक खाएगा मुलाक़ात जो किसी सूरत ए हाल हुई आप हाकिम है आप है हुक्मरान दे दे सज़ा गर में खतावार हुई ।। ~ Kosain Gour

Hindi Poem on Nature - जानते हो एहसास क्या है! | Nature's Poem in Hindi

Hindi Poem on Nature - जानते हो एहसास क्या है! | Nature's Poem in Hindi

Hindi Poem on Nature - जानते हो एहसास क्या है! | Nature's Poem in Hindi
Hindi Poem on Nature - जानते हो एहसास क्या है! | Nature's Poem in Hindi


जानते हो एहसास क्या है!
कभी अथाह नीले
समंदर में डूबती
शाम को देखना,
जरा देर खामोशी से
साहिल से टकराती
लहरों के पास बैठकर,
सारी शाम घुल के
फिर पानी में,
लहर बन के आयेगी,
होले से तुम्हारे
पैरों को छू जायेगी
तुम आँख बंद कर
महसूस करना
तुम्हें लगेगा जैसे कोई
ख़्याल तुम्हें होले-होले
खुद में डुबो रहा है
हाँ, एहसास यही है
ये जो अभी तुम्हें हो रहा है.
 

~ Priti  Mishra

  



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