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Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry

Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry इश्क़ गर इनायत है उस खुदा की तो कैसे मैं खतावार हुई सिर्फ़ आप ही की ही मुजरिम हूँ जहाँ की मैं कैसे गुनहगार हुई बेकसी का अब ये आलम है वही ख़ता हमसे बार बार हुई उस सिलसिले को कैसे ग़लत कह दूँ जिसको दोहराने की रूह तलबगार हुई ज़िंदगी आप ही की अमानत है चाहे इस पार या उस पार हुई ज़माना उस मंज़र पे रशक खाएगा मुलाक़ात जो किसी सूरत ए हाल हुई आप हाकिम है आप है हुक्मरान दे दे सज़ा गर में खतावार हुई ।। ~ Kosain Gour

Ek Kavita Akelepan pe - दर्द को छुपाकर मुस्कुराना | Hindi Poem for Alone People

Ek Kavita Akelepan pe - दर्द को छुपाकर मुस्कुराना | Hindi Poem for Alone People   



कभी कभी अकेले रहने में वो खुशी होती है 

जो शायद सबके साथ रहने में नहीं होती है

कुछ पल की खुशी फिर वही शांति का मंजर 

कैसे बताऊं क्या है मेरे अंदर 

 हर हंसता हुआ चेहरा जरूरी नहीं हंसता हुआ हो ,

कितने अजीब होते हैं वो लोग जो दिल में दर्द होते हुए भी मुस्कुरा लेते हैं

अपने दर्द को वह कैसे छुपा लेते हैं 

मैंने भी अपने दर्द को छुपाकर मुस्कुराना सीख लिया है। 


~ Jyoti  Mishra

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