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Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry

Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry इश्क़ गर इनायत है उस खुदा की तो कैसे मैं खतावार हुई सिर्फ़ आप ही की ही मुजरिम हूँ जहाँ की मैं कैसे गुनहगार हुई बेकसी का अब ये आलम है वही ख़ता हमसे बार बार हुई उस सिलसिले को कैसे ग़लत कह दूँ जिसको दोहराने की रूह तलबगार हुई ज़िंदगी आप ही की अमानत है चाहे इस पार या उस पार हुई ज़माना उस मंज़र पे रशक खाएगा मुलाक़ात जो किसी सूरत ए हाल हुई आप हाकिम है आप है हुक्मरान दे दे सज़ा गर में खतावार हुई ।। ~ Kosain Gour

Hindi Poem on Life - यू पलट जाये जिंदगी तो क्या बात है | Life Hindi Poetry

Hindi Poem on Life - यू पलट जाये जिंदगी तो क्या बात है | Life Hindi Poetry


Hindi Poem on Life - यू पलट जाये जिंदगी तो क्या बात है | Life Hindi Poetry
Hindi Poem on Life - यू पलट जाये जिंदगी तो क्या बात है | Life Hindi Poetry

किताबों के पन्ने पलट के सोचते है,
यू पलट जाये जिंदगी तो क्या बात है…

तमन्ना जो पुरी हो ख्वाबों मे,
हकिकत बन जाये तो क्या बात है…

कुछ लोग मतलब के लिये ढुंढते है मुझे,
बिना मतलब कोई आये तो क्या बात है…

कत्ल कर के तो सब ले जायेंगे दिल मेरा,
कोई अपना बना के ले जाये तो क्या बात है…

जो शरीफों की शराफत मे ना हो बात,
एक शराबी कह जाये तो क्या बात है…

जिंदगी रहने तक तो खुशी देंगे सबको,
किसी को मेरी मौत पे भी खुशी मिल जाये तो क्या बात है


~ Priti Mishra

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