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Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry

Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry Ishq Pe Kavita Hindi Me - आप हाकिम है आप है हुक्मरान | Hindi Love Poem | Hindi Love Poetry इश्क़ गर इनायत है उस खुदा की तो कैसे मैं खतावार हुई सिर्फ़ आप ही की ही मुजरिम हूँ जहाँ की मैं कैसे गुनहगार हुई बेकसी का अब ये आलम है वही ख़ता हमसे बार बार हुई उस सिलसिले को कैसे ग़लत कह दूँ जिसको दोहराने की रूह तलबगार हुई ज़िंदगी आप ही की अमानत है चाहे इस पार या उस पार हुई ज़माना उस मंज़र पे रशक खाएगा मुलाक़ात जो किसी सूरत ए हाल हुई आप हाकिम है आप है हुक्मरान दे दे सज़ा गर में खतावार हुई ।। ~ Kosain Gour

Poem about Life in Hindi - मेरी तनहाइयो में आ आकर | Hindi Life Poem | Life Poetry

Poem about Life in Hindi - मेरी तनहाइयो में आ आकर | Hindi Life Poem | Life Poetry   

Poem about Life in Hindi - मेरी तनहाइयो में आ आकर | Hindi Life Poem | Life Poetry
Poem about Life in Hindi - मेरी तनहाइयो में आ आकर | Hindi Life Poem | Life Poetry 

मेरी तनहाइयो में आ आकर

 

क्यों अब आवाज़ देते हो

रोज़ रोज़ इन रूसवाइयों को

क्यों इक नया साज देते हो

 

मेरे साथी मेरे रहबर

सफ़र हुआ ख़त्म कब का

अब उन्हीं राहों पर आ आकर

किसकी राह तकते हो

 

ज़रा ठहरो अभी सुकून से हूँ

क़रार आने ही लगा है

जब हँस दूँ तो आ जाना

तुम कहाँ दूर इतने हो

 

ये जिदंगी तुम बिन जो

इक सूखा सा दरिया है

अगर आ भी जाओ तुम

तो भी क्या लहर बनते हो

 

वाक़िफ़ हूँ ज़िंदगी की

हक़ीक़त से अब मैं भी

ना हो पाए अलहदा हम

ना ही तुम साथ उतने हो

 

मेर यादें

जब भी अपना सर उठाती है

क्यों हक़ीकत बयाँ करके

उन्हें रुसवा यूँ करते हो।।



~ Priti Mishra

Comments

  1. आपने बहुत अच्छी पोस्ट लिखी है - Hindi Grammar

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  2. आपने बहुत अच्छी पोस्ट लिखी है - Hindi Grammar

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